भैरव्युवाच काली पूजा श्रुता नाथ भावाश्च विविधाः प्रभो । इदानीं श्रोतु मिच्छामि कवचं पूर्व सूचितम् ॥ त्वमेव शरणं नाथ त्राहि माम् दुःख संकटात् । सर्व दुःख प्रशमनं सर्व पाप प्रणाशनम्
भैरव्युवाच काली पूजा श्रुता नाथ भावाश्च विविधाः प्रभो । इदानीं श्रोतु मिच्छामि कवचं पूर्व सूचितम् ॥ त्वमेव शरणं नाथ त्राहि माम् दुःख संकटात् । सर्व दुःख प्रशमनं सर्व पाप प्रणाशनम्
शाक्ततंत्र सर्वसिद्धिप्रद है जिसमे करकादी स्तोत्र और कालिका सहस्त्रनाम का उल्लेख तिष्ण प्रभावशाली बताया गया है। कालिका सहस्रनाम का पाठ करने की अनेक गुप्त विधियाँ हैं, जो विभिन्न कामनाओं के
महाकाली की चौकी भेजने की प्रचीन गुप्त साधना महाकाली की चौकी भेजकर शत्रु मारण की विधि विडियो मे बताई गई है। पूरी विधि सबधानीपूर्वक देखकर ही उपयोग मे लाएँ एवं
काली दस महाविद्या में प्रथम रूप है। माना जाता है माँ ने ये काली रूप दैत्यों के संहार के लिए लिया था। जीवन की हर परेशानी व दुःख दूर करने